Career hindi monologue | Audition Script |
CHARACTER DESCRIPTION
NAME- Rohan
AGE- 17 years
EDUCATION- Undergoing High school
INFO THAT YOU NEED- not so good in studies
नहीं बनना है मुझे इंजीनियर, क्या प्रॉब्लम क्या है? हर साल 1200000 बच्चे जेईई मेंस का का एग्जाम देते हैं, लगभग दो लाख बैक आउट कर जाते हैं 1000000 इंजीनियर पैदा करता है यह देश हर साल। पर क्या इतनी वैकेंसी निकलती हैं। नहीं! निकलती भी हो, निकलती भी हों तो क्या? नहीं पसंद मुझे यह फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ क्या इतनी वजह बहुत नहीं है इंजीनियरिंग ना करने के लिए? वह क्या बोलते हैं ना, पेरेंट्स हमेशा सेफ साइड देखते हैं। सेफ साइड? व्हाट दा हेल, उन अंग्रेजों ने 200 साल राज क्या किया हमारे देश पर इस महान देश के लोगों की मेंटालिटी सर्वाइवल बेस्ढ हो गई गई है। ज़िंदगी ज़िंदा रहने के लिए नहीं जी जाती, ज़िंदगी को जीने के लिए ज़िंदा रहा जाता है। अपनी बेसिक नेसेसिटीज को तो जानवर भी पूरा कर लेते हैं तो फिर उनमें और हम में फर्क क्या है? जो चीज़ मुझे पसंद ही नहीं है मैं उसमें कैसे अच्छा कर सकता हूं? कोशिश की मैंने पर ज्यादा देर मन नहीं लगता। वहां क्लासेज में सब मुझे नालायक कह कर बुलाते हैं, अच्छा नहीं लगता मुझे! लेकिन क्या करूं? मेरे पैदा होने से पहले ही, मेरे लिए सपने सजाए जा चुके थे। मेरे पैदा होने पर पापा ने गोद में लेकर मुझे यह नहीं कहा कि कितना प्यारा है, इसकी नाक तो बिल्कुल मुझ पर पर पर गई है। वह बोले कि जो मैं नहीं कर सका मेरा बेटा करेगा, मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा। एक बार अपने बेटे से भी पूछ लेते पापा कि बेटा तू क्या बनना चाहता है? एक बार भी नहीं सोचा कि अपनी उम्र से पुरानी सपनों सपनों का भार कैसे उठाऊंगा मैं? कैसे उठाऊंगा..?
NAME- Rohan
AGE- 17 years
EDUCATION- Undergoing High school
INFO THAT YOU NEED- not so good in studies
नहीं बनना है मुझे इंजीनियर, क्या प्रॉब्लम क्या है? हर साल 1200000 बच्चे जेईई मेंस का का एग्जाम देते हैं, लगभग दो लाख बैक आउट कर जाते हैं 1000000 इंजीनियर पैदा करता है यह देश हर साल। पर क्या इतनी वैकेंसी निकलती हैं। नहीं! निकलती भी हो, निकलती भी हों तो क्या? नहीं पसंद मुझे यह फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ क्या इतनी वजह बहुत नहीं है इंजीनियरिंग ना करने के लिए? वह क्या बोलते हैं ना, पेरेंट्स हमेशा सेफ साइड देखते हैं। सेफ साइड? व्हाट दा हेल, उन अंग्रेजों ने 200 साल राज क्या किया हमारे देश पर इस महान देश के लोगों की मेंटालिटी सर्वाइवल बेस्ढ हो गई गई है। ज़िंदगी ज़िंदा रहने के लिए नहीं जी जाती, ज़िंदगी को जीने के लिए ज़िंदा रहा जाता है। अपनी बेसिक नेसेसिटीज को तो जानवर भी पूरा कर लेते हैं तो फिर उनमें और हम में फर्क क्या है? जो चीज़ मुझे पसंद ही नहीं है मैं उसमें कैसे अच्छा कर सकता हूं? कोशिश की मैंने पर ज्यादा देर मन नहीं लगता। वहां क्लासेज में सब मुझे नालायक कह कर बुलाते हैं, अच्छा नहीं लगता मुझे! लेकिन क्या करूं? मेरे पैदा होने से पहले ही, मेरे लिए सपने सजाए जा चुके थे। मेरे पैदा होने पर पापा ने गोद में लेकर मुझे यह नहीं कहा कि कितना प्यारा है, इसकी नाक तो बिल्कुल मुझ पर पर पर गई है। वह बोले कि जो मैं नहीं कर सका मेरा बेटा करेगा, मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा। एक बार अपने बेटे से भी पूछ लेते पापा कि बेटा तू क्या बनना चाहता है? एक बार भी नहीं सोचा कि अपनी उम्र से पुरानी सपनों सपनों का भार कैसे उठाऊंगा मैं? कैसे उठाऊंगा..?

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