Court Drama Hindi Monologue | Audition Script |
CHARACTER DESCRIPTION
NAME- Ramesh
AGE- 40 years
EDUCATION- Masters Degree Holder
INFO THAT YOU NEED- An intelligent Man, Country lover, Has nothing to loose, doesn't have a family, Influenced by the freedom fighters like Bhagat Singh, believes in his cause.
NAME- Ramesh
AGE- 40 years
EDUCATION- Masters Degree Holder
INFO THAT YOU NEED- An intelligent Man, Country lover, Has nothing to loose, doesn't have a family, Influenced by the freedom fighters like Bhagat Singh, believes in his cause.
माइ लॉर्ड, वकील साहब की बात मेरे गले से उतर नहीं रही। अगर इनके तर्क से सोचें, तो अर्जुन को उकसाने के जुर्म में श्री कृष्ण भी गुनहगार हुए और और रही बात इन न्यूजपेपर आर्टिकल्स की तो वकील साहब यह तो आपने भी पड़े हैं और जज साहब ने भी। तो आपका खून क्यों नहीं खौला? या आपके जिस्म में खून नहीं पानी है? ह्म्म्म? वह इसलिए जज साहब क्योंकि यह सब मैंने अपनी मर्जी से, सोचते समझते हुए किया है। मुझे देश के लिए जो सही लगा, वह किया और यदि ऐसा मौका दोबारा आया तो...तो शायद मैं यही करूंगा। मुझे मेरा गुनाह कुबूल है, तो क्यों बेवजह न्यूज़पेपर आर्टिकल के लेखक को इसमें घसीटा जा रहा है? वकील साहब अपना पुराना बदला ले रहे हैं उस लेखक से। जो मैं होने नहीं दूंगा इसलिए मैं इस कोर्ट से दरख्वास्त करना चाहता हूं कि वकील साहब की दलीलों को नजरअंदाज करें, क्योंकि मेरे अलावा इस गुनाह में कोई और शामिल नहीं था, इसलिए सजा भी मुझे ही मिलनी चाहिए। इस न्यूज़पेपर आर्टिकल में तो सिर्फ इंकलाब की परिभाषा समझाई गई है जो मुझे पसंद आई तो मैंने उसे फेसबुक पर शेयर कर दिया, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं ना कि उस न्यूज़पेपर आर्टिकल का मक़सद देश में किसी भी प्रकार की डिस्ट्रेस पैदा करना था। इट वास जस्ट ए कोइंसिडेंट और इस तरह की बातें तो भगत सिंह के ऊपर लिखी हर किताब में लिखी गई है। उस देश के दुश्मन गिरिराज शुक्ला को मारने का प्लान तो मैंने बहुत पहले ही बना लिया था तो इस न्यूज़पेपर आर्टिकल का मेरे प्लांस से कैसा संबंध? ये आदमी बेगुनाह है जज साहब।
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